मैं ओलिंपिक हूँ
सुनते हो कोरोना मैं ओलिंपिक हूँ
और तुम केवल एक वायरस
तुम फैलाते हो अपना कहर
और मैं बढ़ाता हूँ केवल साहस
विषाणु हो तुम अत्यंत खतरनाक
करते हो जन जीवन का नाश
पर मैं मानवता का समारोह ख़ास
भरता हूँ जन जन के मन विश्वास
कितने कायर हो तुम छुप के वार करते हो
रोगी बना के तुम नर संहार करते हो
मानव की पीड़ा से ही है तुम्हारा अस्तित्व
मानव की क्षमता पर तुम प्रहार करते हो
मैं ओलिंपिक हूँ मानवता का मित्र बड़ा
मानवीय चेष्टा व् उत्साह का चित्र बड़ा
कोरोना तुमसे भी नहीं मैं तनिक डरता हूँ
मानव के सामर्थ्य का मैं दम भरता हूँ
तुम विषैले हो तुम्हारे विष का कोई काम नहीं
हम मनुष्यों को हरा पाना आसान नहीं
मुझ ओलिंपिक को ज़रा गौर से तो देखो तुम
मनुष्य के अभूतपूर्व ज़ोर को तो देखो तुम
यहाँ कोई तुम्हारा भय विराजमान नहीं
यहां कोई नकारात्मक सामान नहीं
हार मान लो कोरोना तुम अब अपनी
छोड़ दो अब हमें हराने की ज़िद अपनी
क्यूंकि हार मानना ओलिंपिक ने कभी सीखा नहीं
संकल्प शक्ति का कोई रंग मेरा फीका नहीं
मैं ही जीता हूँ तुमसे और मानवता मेरे संग जीती है
कोरोना असफल रही तुम्हारी हर रणनीति है।