आंसू दोस्त
मेरी दोस्ती है
हर उस आंसू के कतरे से
जो नहीं निकला
मेरी आँखों से
तब ,जब
मेरा दिल टूटा
मेरा सब्र छूटा
मेरी शख्सियत रोई
मेरी ख्वाहिशें सोईं
और मेरी लड़ाई है
हर उस आंसू के कतरे से
जो बस बह निकला तब,
जब एक इशारा सा मिला
कोई एक फूल खिला
एक ख़त जो लिखा
एक बचपन जो दिखा
वो हवा जो बही
वो कहानी जो कही
क्यों बहा वो मेरी आँखों से?
क्यों हारा वो इन एहसासों से?
मेरी दोस्ती है और लड़ाई भी
हर उस आंसू के कतरे से
जो ज़ब्त रहा
जो खूब बहा।