तस्वीर खींची थी
तस्वीर खींची थी, कहाँ रखी है?
बहुत ढूंढा है , पर नहीं दिखी है
अलमारियों की दराजों में
रखे पुराने अलबमों में
कपड़ों की तहों में छुपे
पुराने पीले कागजों में
वो एक ही तो थी, थी कितनी कीमती
आज की तस्वीरों सी नहीं
बस यहाँ वहाँ घूमती
कितने शौक से खींची थी
कितने सलीके से रखी थी
मिलती क्यूँ नहीं है?
दिखती क्यूँ नहीं है?
काली सफेद थी वो
कि थी रंगीन भड़कीली?
सलेटी कागज पे थी
या थी वो चमकीली?
तस्वीर थी तो एक जरूर
और प्यार भी था उसमे भरपूर
एक याद थी उसमे हँसती
कभी जीती तो कभी मरती
वो तस्वीर थी बड़ी पगली
बैठी थी बन के तितली
मेरे दिल की धड़कनों में
सौ गीत बन के मचली
बस एक ही थी काफी
मेरी ज़िंदगी की झांकी
मेरे दिल में ही मिली थी
थे रंग उसमे बाकी
एक तस्वीर खींची थी
भावनाओं से सींची थी
खो गई थी
दिल में ही रखी , मिल गई ।