तुम .

तुम छल भी हो, तुम हल भी हो

तुम आज भी और कल भी हो

विश्वास हो , मंगल भी हो

हर कर्म का तुम फल भी हो

तुम मेरे मित्र युगल भी हो

तुम कामना अनर्गल भी हो

सुनहरा रंगमहल भी हो

विश्वास एक अटल भी हो

अनायास हलचल भी हो

विहंग पुष्पदल भी हो

प्रयासों का योगफल भी हो

प्रार्थना सफल भी हो

हलाहल, कोलाहल भी हो

चित्त कौतुहल भी हो

मरुस्थल में स्थल भी हो

तुम कामना निर्मल भी हो

चिरकाल हो पल पल भी हो

आकाश तारामंडल भी हो

कठिन हो और सरल भी हो

तुम प्रीत एक अटल भी हो

सुनहरी खेत फसल भी हो

तुम ठोस और तरल भी हो

तुम आदि हो तुम अंत हो

तुम जीत एक अनंत हो

तुम कान्हा हो बस नाम के

तुम जीवन में बसंत हो

इस जन्मदिन का क्या करूँ?

तुम प्रयास जीवनपर्यन्त हो ।

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