तिरंगा और भारत
तीन रंगों में सिमटा भारत
शान से लहराता है
अपनी आजादी का मतलब
दुनिया को समझाता है
कहता है हम बहुत अलग हैं
हम भारतवासी खास हैं
जड़ों से अपनी जुड़े हुए हैं
हर शाखा में विश्वास है
कितने आक्रमणकारी आए
कितनों ने प्रयास किया
खंडित नहीं ही ये भूमि
सभ्यता ने अट्टहास किया
शांति के हम प्रेमी हैं
और प्रकृति के भी रखवाले हैं
बाहों में भर लेते विविधता
हम खूब बड़े दिलवाले हैं
षडयंत्रों से ऊपर उठ कर
स्वच्छ हवा में फहरेगा
तीन रंगों में सिमटा भारत
नहीं कभी भी ठहरेगा ।